श्री आदिशक्ति की लीला
श्री विष्णु ने कहा - प्रकृति देवी को नमस्कार है। भगवती विद्यात्री को निरंतर
नमस्कार है। माता मैं जान गया हूँ की यह संसार तुम्हारे भीतर विराजमान है। इस जगत की सृष्टि और संहार तुम्ही से होता है। तुम्हारी ही व्यापक माया इस संसार को सजाती है। तुम्हारे बनाये हुये जितने भुवन है , तुम्हारे इस शक्ति संपन्न नख - दर्पण में हमे इसकी झाँकी मिलती है। देवी हमने इस लोक में दूसरे ही ब्रह्मा , विष्णु और शंकर देखे है। सब में वैसे ही असीम शक्ति थी। हम तीनो तुम्हारे अचिन्त्य प्रभाव से अपरिचित है। देवी इस फैले हुए अनंत ऐश्वर्य को कैसे जाने ? तुम महाविद्या स्वरूपिणी हो मैं बारम्बार तुम्हारे चरणों में मस्तक झुकता हूँ।
श्री शंकर नम्रता पूर्वक स्तुति करने लगे। - देवी विष्णु तुम्ही से प्रकट हुये हैं। ब्रह्मा भी तुम्हारे ही बालक हैं , मुझे भी उत्पन्न करने वाली तुम्ही हो। शिवेमाता ! ब्रह्मा , विष्णु और महेश का रूप धारण करने वाली तुम्ही हो। जगत की रचना और संहार का खेल खेलती हो। संपूर्ण संसार की सृष्टि करने में तुम बड़ी चतुर हो माता। ये पाँचो तत्त्व तुम्हारी की कला है। भगवती के चरणों में मस्तक झुका के वही बैठ गये।
श्री ब्रह्मा जी भी महामाया जगदम्बिका के चरणों में गिरकर उनकी स्तुति करने लगे। माता - तुम अखिल जगत की सृष्टि करने वाली शुद्ध स्वरूपा हो। सारे ब्रह्माण्ड की रचना करने वाला केवल मैं ही हूँ , ये मेरा अभिमान है। आज में आपके चरण कमलो की धूलि प्राप्त करके वास्तव में धन्य हो गया हूँ। आपकी कृपा से मुझे यथार्थ ज्ञान प्राप्त हो गया है। सृष्टि के आदि में केवल विनोद के लिए ही तुम मुझ ब्रह्मा को बनाकर यह सृजन कार्य सम्पादित करती हो। तुम्हारी उत्पत्ति कहा से हुई है ? इसे कोई नहीं जानता। जगत में कोई तुम्हारे रहस्य को नहीं जानता है। भवानी तुम एक हो ,आदिशक्ति हो ,संपूर्ण वेदो में तुम्हारा ये ज्ञान कराया है। तुम्हारी लीला बड़ी विचित्र है।
इस मूर्त और अमूर्त जगत का आधार तुम से पूर्व कोई भी दूसरा पुरुष नहीं था। कोई तीसरा भी नहीं है। "एकमेवाद्वितीय ब्रह्म " | इस वेद वचन को व्यर्थ कहना तो बनता नहीं , तो क्या वह आत्म स्वरूपा तुम ही हो अथवा वह कोई और ही पुरुष है। मेरे संदेह को दूर करने की कृपा करे। किसी महान पूर्ण के प्रभाव से ही तुम्हारी चरणों की सेवा सुलभ हुई है। तुम स्त्री हो या पुरुष यह रहस्य भी हमे विसद रूप से कृपा करके बतलाओ।
Comments
Post a Comment