
गूगल साभार चित्र मित्रों आज हम वृत्रासुर के कथानक को आगे बढ़ाते हुए कि उसने ब्रह्मा जी से वरदान पाकर आगे क्या किया। जब कोई कथानक ज्यादा बड़ा हो जाता है तब श्रोताओं की रूचि घटने लगती है। उस रूचि को बरकरार रखने के लिए हम बीच में दूसरा कथानक आप से कहने लगते हैं। आज हम वृत्रासुर के उसी कथानक को आगे बढ़ाएंगे। श्री ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त करने के पश्चयात वृत्रासुर अपने पिता के पास पंहुचा और उसने अपने वरदान प्राप्त करने की सच्चाई अपने पिता को कह सुनाई। वर युक्त पुत्र को पाकर त्वस्ता बहुत प्रसन्न हुए और पुत्र से बोले -महाभाग ! तुम्हारा कल्याण हो। अब तुम मेरे परम् शत्रु इंद्र को परास्त करो। वह बड़ा पापी है। उसने मेरे पुत्र त्रिसिरा का वध कर डाला था। अतः तुम उसे परास्त कर स्वर्ग का शासन अपने हाथ में ले लो। बेटा ! ...